गुरुवार, 30 जनवरी 2014

पांच साल की उम्र थी, उसे पता नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा है पर इसमें उसकी कोई गलती नहीं थी बल्कि गलती उस हैवान की थी जो यह सब कुछ कर रहा था. जब नगमा (बदला हुआ नाम) सात साल की थी वो भी अपनी उम्र की बाकी बच्चियों की तरह चंचल और चुलबुली थी पर अचानक ही वो बड़ी गंभीर और चुप-चुप सी रहने लगी. चुलबुली बच्ची अचानक चुप हो जाए तो मां को एक डर सताने लगता है कि आखिरकार उनकी मासूम सी बच्ची डरी-डरी क्यों नजर आ रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि उस मासूम के साथ ऐसा क्या हुआ होगा जो उसके चेहरे की मुस्कान गायब हो गई.
नगमा की मां सिंगल मदर हैं. वह पेशे से टीचर हैं और अपने माता-पिता के घर रहती थीं. वह काम पर चली जातीं और उन्हें कुछ पता नहीं होता कि छोटी बच्ची नगमा को उनकी गैर-मौजूदगी में क्या कुछ झेलना पड़ता था. नगमा की मां ने बताया कि पहले नगमा काफी बात करती थी. बाद में उन्होंने गौर किया कि वह चुप-चुप सी रहने लगी है. उससे वजह पूछी तो उसने कुछ नहीं बताया. बस वह उस घर से निकलना चाहती थी. अपने नाना-नानी के साथ रहना उसे अच्छा नहीं लगता था. नगमा की मां को शुरुआत में कुछ समझ में नहीं आया पर धीरे-धीरे उन्होंने नगमा को विश्वास में लिया, उसे भरोसा दिलाया, तब नगमा ने अपनी मां को बताया, ‘नानाजी मुझे नीचे (प्राइवेट पार्ट में) टच करते हैं. इस वाक्य को सुनने के बाद शायद अधिकांश महिलाओं का अपने रिश्तों पर से विश्वास उठ जाएगा और यह जानकर तो हैरानी होगी कि नगमा का यौन शोषण उसके नाना तब से कर रहे थे जब वो पांच साल की थी.
girl life
एक ऐसी मां जिसके पति से उसका तलाक हो चुका था और अपनी सात साल की बच्ची की मुस्कान ही उस मां के जीने का अंतिम सहारा थी पर उसे क्या पता था कि उसी के अपने उसकी बच्ची की मुस्कान छीन लेंगे. नगमा की मां  के लिए यह सदमे जैसा था. मगर, अभी इससे बड़े झटके लगने बाकी थी. नगमा की मां ने जब घर में यह मसला उठाया तो उन्हें पता चला कि उनकी मां को भी यह बात मालूम थी, पर फिर भी वो चुप थीं. यहां तक कि उनके भाइयों ने भी उनका साथ देने से इनकार कर दिया क्योंकि घर की इज्जत का सवाल था और पुलिस वालों ने इसलिए साथ नहीं दिया क्योंकि नगमा की मां पूरे परिवार के खिलाफ कार्यवाही चाहती थी.
इज्जत के लिए नीलाम 
नगमा की मां केवल अकेली ही नहीं हैं जिनको इज्जत के नाम पर चुप रहने के लिए बोला गया है. जब हमारे समाज में बलात्कार होते हैं तो पीड़ित नारी को चुप रहने के लिए बोला जाता है भले ही बलात्कारी मर्द सीना चौड़ा करके पूरे समाज में भ्रमण करता रहे. जब एक नारी पर उसका पति अत्याचार करता है तो उसके अपने ही माता-पिता उसे चुप रहने के लिए बोलते हैं क्योंकि घर की इज्जत का सवाल होता है. मर्दवादी समाज की यह बात समझ से परे है कि केवल नारी ही घर की इज्जत होती है. क्यों नारी को बार-बार इज्जत के नाम पर नीलाम किया जाता है. कोई जाकर पूछे उस समाज से कि उस पांच साल की बच्ची के साथ जो उसके नाना ने यौन शोषण जैसा अपराध किया क्या उससे उस घर की इज्जत नीलाम नहीं हुई? पर यदि नगमा की मां अपनी बेटी के साथ हुए अत्याचार की लड़ाई लड़ेगी तो घर की इज्जत नीलाम हो जाएगी.

 भरोसा नहीं मुझे इस मर्दवादी समाज पर,
अपने हिस्से की लड़ाई मैं खुद लड़ना जानती हूं
मुझे क्या रोकेगा यह समाज,
मैं वक्त से आगे निकलना जानती हूं.

बुधवार, 29 जनवरी 2014

बिन बेटी ये मन बेकल है, बेटी है तो ही कल है,
बेटी से संसार सुनहरा, बिन बेटी क्या पाओगे?

बेटी नयनों की ज्योति है, सपनों की अंतरज्योति है,
शक्तिस्वरूपा बिन किस देहरी-द्वारे दीप जलाओगे?

शांति-क्रांति-समृद्धि-वृद्धि-श्री सिद्धि सभी कुछ है उनसे,
उनसे नजर चुराओगे तो किसका मान बढ़ाओगे?

सहगल-रफ़ी-किशोर-मुकेश और मन्ना दा के दीवानों!
बेटी नहीं बचाओगे तो लता कहां से लाओगे?

सारे खान, जॉन, बच्चन द्वय रजनीकांत, ऋतिक, रनबीर
रानी, सोनाक्षी, विद्या, ऐश्वर्या कहां से लाओगे?

अब भी जागो, सुर में रागो, भारत मां की संतानों!
बिन बेटी के, बेटे वालों, किससे ब्याह रचाओगे?

बहन न होगी, तिलक न होगा, किसके वीर कहलाओगे?
सिर आंचल की छांह न होगी, मां का दूध लजाओगे।

शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

{एक छोटी सी पहल नन्ही सी जिंदगी बचाने की}









माधुरी दीक्षित भी बोलीं, बेटी ही बचाएगी 'कल'

बेटियों के सशक्तिकरण के लिए अमल उजाला ने अनूठी पहल की है। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2014 में लगातार बेटियों के सशक्तिकरण के लिए सार्थक गतिविधियां की जाएंगी। हमारी इस पहल में बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा माधुरी दीक्षित भी शरीक हुईं और संदेश भेजा। प‌ढ़िए, उनका संदेश-

मुझे ये जानकर बहुत खुशी हुई कि प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ वर्ष 2014 को ‘बेटी ही बचाएगी’ वर्ष के तौर पर मना रहा है।

मेरा मानना है कि हम बेटियों को इतना मज़बूत बना दें कि वे खुद समाज को बचाने के लिए आगे आएं। ‘अमर उजाला’ का यह मिशन इस भावना को और मज़बूत करता है। अभियान से मेरे जुड़ने की एक और वजह है।

मैंने अपने करियर में शुरू से ही ऐसे किरदारों को तवज्जो दी, जिसमें बेटी समाज को बचाती नज़र आए। फिर चाहे वो मेरी फिल्म ‘बेटा’ रही हो, ‘मृत्युदंड’ हो या फिर मार्च महीने में महिला दिवस पर रिलीज़ होने जा रही ‘गुलाब गैंग’। मैं उम्मीद करती हूं कि ‘अमर उजाला’ के इस अभियान से बेटियों का सम्मान बढ़ेगा और मिलेगा उन्हें उनका वह हक़, जिसके लिए उन्हें किसी सिफारिश की नहीं, हमें सोच बदलने की ज़रूरत है।

अपनी बात मैं अमर उजाला की कविता की उस लाइन से ख़त्म करना चाहूंगी कि जब भी घर, परिवार और समाज पर मुसीबत आएगी, बेटी ही बचाएगी, बेटी ही बचाएगी। -जय हिंद

इंसानी जज़बे की सच्ची कहानी

ये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है .

25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर लिया , उनके हाथों में धारदार हथियार थे . उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे .

ये देख Maricel सदमें में आ गयीं , वो उन लोगों को जानती थी , वे उसके पडोसी थे . उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और  वो  उनसे बच कर भागने लगी . पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उसतक पहुँच गए …वो चिल्लाने लगी …, “कुया , ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” ( मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …)

पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी , और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी .जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे , इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया .

जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते -भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं . यह देख Maricel और भी घबरा गयी , और रोते -रोते भागती रही …. जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी …

माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं , उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं . हॉस्पिटल दूर था , पहुँचते -पहुँचते काफी वक़्त बीत गया . डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी . पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे .

परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं , जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था . गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे …पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये .

इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है . मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ .”

Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया  और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की.

इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा . ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया .

Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है .”

Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं .Maricel Apatan Hindi 3

Friends, अक्सर हम अपनी life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”
ये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है .
 
25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर लिया , उनके हाथों में धारदार हथियार थे . उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे .
 
ये देख Maricel सदमें में आ गयीं , वो उन लोगों को जानती थी , वे उसके पडोसी थे . उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और  वो  उनसे बच कर भागने लगी . पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उसतक पहुँच गए …वो चिल्लाने लगी …, “कुया , ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” ( मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …)
 
पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी , और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी .जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे , इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया .
 
जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते -भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं . यह देख Maricel और भी घबरा गयी , और रोते -रोते भागती रही …. जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी …
 
माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं , उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं . हॉस्पिटल दूर था , पहुँचते -पहुँचते काफी वक़्त बीत गया . डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी . पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे .
 
परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं , जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था . गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे …पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये .
 
इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है . मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ .”
 
Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया  और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की.
 
इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा . ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया .
 
Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है .”
 
Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं .Maricel Apatan Hindi 3
 
Friends, अक्सर हम अपनी life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”
- See more at: http://oyepages.com/blog/view/id/52c51060bc54b22e7f000000#sthash.U0uu91p6.dpuf
ये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है .
 
25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर लिया , उनके हाथों में धारदार हथियार थे . उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे .
 
ये देख Maricel सदमें में आ गयीं , वो उन लोगों को जानती थी , वे उसके पडोसी थे . उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और  वो  उनसे बच कर भागने लगी . पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उसतक पहुँच गए …वो चिल्लाने लगी …, “कुया , ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” ( मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …)
 
पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी , और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी .जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे , इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया .
 
जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते -भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं . यह देख Maricel और भी घबरा गयी , और रोते -रोते भागती रही …. जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी …
 
माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं , उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं . हॉस्पिटल दूर था , पहुँचते -पहुँचते काफी वक़्त बीत गया . डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी . पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे .
 
परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं , जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था . गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे …पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये .
 
इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है . मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ .”
 
Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया  और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की.
 
इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा . ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया .
 
Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है .”
 
Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं .Maricel Apatan Hindi 3
 
Friends, अक्सर हम अपनी life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”
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ये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है .
 
25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर लिया , उनके हाथों में धारदार हथियार थे . उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे .
 
ये देख Maricel सदमें में आ गयीं , वो उन लोगों को जानती थी , वे उसके पडोसी थे . उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और  वो  उनसे बच कर भागने लगी . पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उसतक पहुँच गए …वो चिल्लाने लगी …, “कुया , ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” ( मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …)
 
पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी , और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी .जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे , इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया .
 
जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते -भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं . यह देख Maricel और भी घबरा गयी , और रोते -रोते भागती रही …. जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी …
 
माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं , उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं . हॉस्पिटल दूर था , पहुँचते -पहुँचते काफी वक़्त बीत गया . डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी . पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे .
 
परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं , जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था . गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे …पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये .
 
इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है . मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ .”
 
Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया  और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की.
 
इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा . ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया .
 
Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है .”
 
Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं .Maricel Apatan Hindi 3
 
Friends, अक्सर हम अपनी life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”
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ये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है .
 
25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर लिया , उनके हाथों में धारदार हथियार थे . उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे .
 
ये देख Maricel सदमें में आ गयीं , वो उन लोगों को जानती थी , वे उसके पडोसी थे . उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और  वो  उनसे बच कर भागने लगी . पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उसतक पहुँच गए …वो चिल्लाने लगी …, “कुया , ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” ( मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …)
 
पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी , और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी .जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे , इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया .
 
जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते -भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं . यह देख Maricel और भी घबरा गयी , और रोते -रोते भागती रही …. जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी …
 
माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं , उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं . हॉस्पिटल दूर था , पहुँचते -पहुँचते काफी वक़्त बीत गया . डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी . पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे .
 
परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं , जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था . गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे …पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये .
 
इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है . मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ .”
 
Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया  और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की.
 
इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा . ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया .
 
Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है .”
 
Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं .Maricel Apatan Hindi 3
 
Friends, अक्सर हम अपनी life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”
- See more at: http://oyepages.com/blog/view/id/52c51060bc54b22e7f000000#sthash.rX3pUcCn.dpuf
ये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है .
 
25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर लिया , उनके हाथों में धारदार हथियार थे . उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे .
 
ये देख Maricel सदमें में आ गयीं , वो उन लोगों को जानती थी , वे उसके पडोसी थे . उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और  वो  उनसे बच कर भागने लगी . पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उसतक पहुँच गए …वो चिल्लाने लगी …, “कुया , ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” ( मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …)
 
पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी , और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी .जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे , इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया .
 
जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते -भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं . यह देख Maricel और भी घबरा गयी , और रोते -रोते भागती रही …. जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी …
 
माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं , उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं . हॉस्पिटल दूर था , पहुँचते -पहुँचते काफी वक़्त बीत गया . डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी . पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे .
 
परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं , जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था . गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे …पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये .
 
इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है . मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ .”
 
Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया  और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की.
 
इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा . ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया .
 
Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है .”
 
Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं .Maricel Apatan Hindi 3
 
Friends, अक्सर हम अपनी life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”
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25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर लिया , उनके हाथों में धारदार हथियार थे . उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे .
 
ये देख Maricel सदमें में आ गयीं , वो उन लोगों को जानती थी , वे उसके पडोसी थे . उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और  वो  उनसे बच कर भागने लगी . पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उसतक पहुँच गए …वो चिल्लाने लगी …, “कुया , ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” ( मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …)
 
पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी , और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी .जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे , इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया .
 
जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते -भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं . यह देख Maricel और भी घबरा गयी , और रोते -रोते भागती रही …. जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी …
 
माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं , उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं . हॉस्पिटल दूर था , पहुँचते -पहुँचते काफी वक़्त बीत गया . डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी . पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे .
 
परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं , जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था . गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे …पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये .
 
इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है . मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ .”
 
Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया  और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की.
 
इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा . ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया .
 
Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है .”
 
Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं .Maricel Apatan Hindi 3
 
Friends, अक्सर हम अपनी life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”
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